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लकवा लगने पर तुरंत करे ये काम बच जाएगि जान।

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लकवा नही है लाइलाज बीमारी बस जरूरत ही जागरूकता की।

लकवा या पैरालाइज कोई लाईलाज बीमारी नहीं है अगर सही समय पर सही ट्रीटमेंट मिलंजाए तो  अद्रंग यानिकि लकवे का इलाज कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है क्यों की लकवा लगना अचानक  से शरीर में हुए बदलाव को दरसाता है और अगर तुरंत उसका उपचार कर दिया जाए तो वह जब की जब ही ठीक किया जा सकता है आज दुनिया में लकवा लगने के कारण मात्र 10 % लोग ही तुरंत ठीक हो पाते ही जबकि 40% लोग कुछ समय पश्चात ठीक होना शुरू हो जाते हे और 30 परसेंट लोग कभी भी ठीक नहीं हो पाते और 20 परसेंट लोग लकवा के कारण अपनी जान गवां देते हैं अगर इलाज के बारे में जानकारी और लकवा के बारे में जागरूकता हो तो लोगो की जान बचाई जा सकती है  इसलिए इस जानकारी को अंत तक जरूर पढ़े और पढ़ कर लोगो तक जरूर पोंचाए इस आर्टिकल को अप सोसल मीडिया पर नीचे दिए ओपसान में जाकर भेज सकते है और बचा सकते है किसी अपने की जान।

 


लकवा क्या होता है और लकवा के बारे में क्या जूठ फैली हुई हे जरूर जानले

लकवा क्यों लगता है 

मस्तिष्क में किसी भी स्पेसिफिक भाग में रक्त का संचार रुक जाने के कारण मस्तिष्क के इस भाग का काम करना बंद कर देने के कारण मस्तिष्क के उस भाग द्वार जिन शरीर के अंगो को दिशा निर्देश दी जा रही होती है उनका काम करना बंद करदेना ही लकवा कहलाता है  इसे में लकवा लगने का मुख कारण मस्तिष्क की नाड़ी तंत्र में आई खून की रुकावट के कारण होता है  जिसे ब्लॉकेज भी कहते हैं आसान शबदो में समझे तो हमारे मस्तिष्क के किसी भी भाग की नाड़ी में खून जाना बंद हो जाने के कारण मस्तिष्क के उस भाग का काम करना बंद कर देना ब्रेन हेमरेज या पैरालाइज होता है

क्यों होता है लकवा लगने पर खून का बहाव बंद मस्तिष्क के अंदर

 हरदय से मस्तिष्क के लिए  खून जाने के लिए गर्दन के पीछे से नाड़ी मस्तिष्क में जाति है जो मस्तिष्क में जाने के बाद मस्तिष्क के अलग अलग भाग में खून भेजने का काम करती हैं  जो  मस्तिष्क को ऑक्सिग्नेटेड खून देती है जिन से मस्तिष्क जिंदा रहता है  जब खून में किसी भी पारकर की असुधि के कारण या मस्तिष्क की नसों में आए बदलाव के कारण मस्तिष्क के किसी हिस्से की पतली धमनिया बंद हो जाती है और खून का भाव बंद हो जाता है  तो मस्तिष्क का वह हिस्स कामनकर्ण बंद कर देता है जिसे लकवा कहते अगर रुकी हुई नस को 30 मिनट के अंदर खोल दिया जाए तो आदमी का मस्तिष्क दोबारा काम करना सुरु कर देता है और आदमी नॉर्मल हो जाता है परंतु मस्तिष्क की नास को केसे खोला जाए   बात अब ये है  ब्लॉक हुई नस को तुरंत खोलने के लिए वैसे तो आज कल भोट सारे इंजेक्शन मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध ही और दवाइया भी ही और आरियोवेदिक दवाई भी मोजोद है परंतु इतनी जल्दी इलाज मोहय्या नन्होंने के कारण  लकवा स्थाई रूप ले लेता है और मस्तिष्क का कुछ हिस्सा मृत हो जाता है  

सब्जी मसाले के नाम पर जहर है यह चाइनीस मसाला

केसे खोले दीमक की बंद नस को तुरंत

लकवा लगने के तुरंत बाद ही अगर बंद नस को खोलने के लिए कोई दवाई दे दी जाए तो वह दवाई लकवा के मरीज को तुरंत टिक कर सकती है 

लकवा की इंग्लिश  दवाई

आमतौर पर सभी घरों में डीशप्रीन, एस्प्रिन,सेरोडोन   जैसे सिरदर्द की टैबलेट मिल जाती है अगर गर में मन तब भी नजदीकी मेडिकल स्टोर से ये दवाई मिल सकती है अगर लकवा लगने के तुरंत बदने दवाई दे दी जाए तो मस्तिष्क की बंद नस को खोलने में मदद मिल सकती है और जीतनांजल्द हो सकते किसी अच्छे हॉस्पिटल में मरीज को एडमिट कर देना चाइए ताकि डॉक्टर के द्वारा अच्छी ट्रीटमेंट दी जा सके

लकवा की आयुर्वेदिक दवाई

अगर लकवा लगने के तुरंत बाद लेशुन अदरक प्याज का रस निकल के सहत में मिला के दिया जाए तो होस्कता ही की मरीज की बंद नस खुल जाए और जितना जल्दी हो सके नजदीकी वेदाचारिये के पास लेजाया जाए।

घर में केसे बनाए लकवा  से बंद नस को खोलने की आयुर्वेदिक दवाई 




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